Sunday, February 3, 2019

नारी स्वतंत्रता

नारी स्वतंत्रता

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अंशुमन और मिताली ने अपनी दोनों बेटियों के लालन-पालन में लड़कियों के लिए रखी जाने वाली रोक टोक की जरा भी परवाह नहीं की थी। उनकी दोनों बेटियाँ अंशिका तथा क्षिप्रा अतीव सुंदर तो थी हीं अपनी शिक्षा अध्ययन में भी अत्यंत गंभीर थीं। अंशुमन और मिताली की दोनों लाड़ दुलारियाँ परिवार के लिए गौरव का कारण थीं। अंशिका ने सी ए कर मुंबई में बैंक में सर्विस ज्वाइन कर ली थी। क्षिप्रा ने इंजीनियरिंग करने के उपरांत प्रशासनिक सेवा के लिए आई ए एस की परीक्षा की तैयारी आरंभ की हुई थी। अंशुमन और मिताली दोनों आधुनिक ख्यालों के थे उन्होंने अंशिका तथा क्षिप्रा को यह अनुमति प्रदान की हुई थी कि जिस किसी लड़के से वे विवाह करना चाहेंगी उन्हें स्वीकार रहेगा जिसमें कोई जाति आदि का बंधन नहीं होगा। पढ़ने के दौरान दोनों ही बेटियाँ अनुशासित तो थी ही किशोर वय जनित आकर्षण के चक्कर से दोनों ने अपने को दूर रखा था। पापा और मम्मी के लिए यह भी बड़ी उपलब्धि थी कि मर्यादाओं से न बाँधे जाने पर भी बेटियाँ उनके सँस्कारों की उच्चता को अपने आचरणों से पुष्ट करती थीं।

तभी एक दिन मिताली को अंशिका ने मोबाइल पर सूचित किया कि वह जतिन नाम के सहकर्मी लड़के के साथ पिछले 2 महीने से लिव इन रिलेशन में रह रही है। मिताली के लिए यह बात अप्रत्याशित थी एकाएक सदमा सा लगा था उसे फिर भी संयत रखते हुए जतिन के जॉब , परिवार तथा कहाँ के रहने वाले हैं आदि विवरण अंशिका से लिए थे। यह बोलने से भी खुद को रोका था कि लिव इन रिलेशन में जाने के पहले क्यों नहीं बताया। अपितु यह अवश्य पूछा कि शादी कब करने के सोच रहे हैं दोनों। मिताली को अंशिका के ज़बाब ने हैरत में डाला था कि जतिन के साथ शादी का कोई इरादा नहीं है। आखिर में बहुत नियंत्रित रखते हुए हँस कर टेक केयर कहते हुए उसने बात खत्म की थी। अंशुमन से बात करने के लिए रात तक का इंतजार उसे बहुत भारी पड़ा था। रात्रि अंशुमन को सारा ब्यौरा उसने सुनाया तो अंशुमन भी अवाक् रह गए। अंशिका ने जिस आचरण व्यवहार का अब तक परिचय दिया था , उसका यह काम बिलकुल विपरीत था। एकबारग़ी तो तुरंत मुंबई जाने को सोचा , किंतु विचार करने के बाद ही कुछ करने का फैसला लिया। वह रात्रि गुजारना मिताली और अंशुमन के लिए बेहद कठिन रही। दोनों विचारमग्न हो करवटें भी लेते रहे और अपनी चिंता एक दूसरे से छिपाते रहे। दूसरी शाम अंशुमन ने अंशिका को मोबाईल किया सामान्य समाचार हँसते हुए हल्के लहज़े में लिए फिर पूछा जतिन से शादी क्यूँ नहीं करना चाहती तो अंशिका ने कहा पापा मैं जीवन में शादी करने का विचार ही नहीं रखती। मुझे लगता है इससे नारी की स्वतंत्रता खत्म होती है। लिव इन रिलेशन में यह बरक़रार रहती है और शरीर की माँग की भी पूर्ति हो जाती है।

(जारी)
राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
03-2-2018

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