Tuesday, August 28, 2018

जिसे होगी हमसे तकलीफ़ ,
कहेगा नहीं
 मगर एक गाँठ रखेगा वह ,
दिल में जरूर

अपनों में तो दिखेंगी कमियाँ
 क्यूँकि
 ढोल दूर के सुहावने होते हैं

लिखने के पहले
 अगर हमने विचार कर लिया होता
 किसी को ठेस लग सकती है -
ऐसा कदापि लिखा नहीं होता

मनमानी लिखकर ठेस पहुँचायें
 तब क्षमायाचना की मुद्रा बनायें
 इससे बेहतर हम मर्यादा में लिखें
 और मैत्री संदेश सब में फैलायें

ख़ुद के अभिनय में हमें
 पाखंड नहीं नज़र आता है
 और बिरला कोई अच्छा करता तो
 उसमें हमें पाखंड नज़र आता है

यह एकतरफा दोष ,
हम पर मढ़ना उचित नहीं
 अपने दोष स्वयं कौन देखता है ,
आप भी नहीं

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