अपनी मनहूसियत लिए
तुम्हारे सामने पड़ने का मुझे कोई शौक नहीं
जब सामने पड़ जाऊँ
तुम समझ लेना हालात ने मजबूर किया होगा
दिखता है कोई खुश
जहाँ मुझे बहुत प्यारा लगता है
दिखता है जब कोई ग़मगीन
ज़िंदगी है तो देखना मेरी मजबूरी है
दूसरों की खुशियों में हुई इकट्ठी भीड़ का मैं हिस्सा होता हूँ
अपनी उदासियों के समय मैं खुद को खुद में समेट लेता हूँ
हमारी औकात बताते
उन हालातों से गुजरना नापसंद तो होता है
मगर मुझे इसलिए पसंद कि ये ही हैं
जिन्होंने जिंदगी चीज क्या मुझे समझाया है
किसी को दोष देना
मेरी फ़ितरत में नहीं
अपने दोष देख लेना
मुझे गॉड गिफ्टेड है
तुम्हारे सामने पड़ने का मुझे कोई शौक नहीं
जब सामने पड़ जाऊँ
तुम समझ लेना हालात ने मजबूर किया होगा
दिखता है कोई खुश
जहाँ मुझे बहुत प्यारा लगता है
दिखता है जब कोई ग़मगीन
ज़िंदगी है तो देखना मेरी मजबूरी है
दूसरों की खुशियों में हुई इकट्ठी भीड़ का मैं हिस्सा होता हूँ
अपनी उदासियों के समय मैं खुद को खुद में समेट लेता हूँ
हमारी औकात बताते
उन हालातों से गुजरना नापसंद तो होता है
मगर मुझे इसलिए पसंद कि ये ही हैं
जिन्होंने जिंदगी चीज क्या मुझे समझाया है
किसी को दोष देना
मेरी फ़ितरत में नहीं
अपने दोष देख लेना
मुझे गॉड गिफ्टेड है
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