यदि हम महान हैं तो उन करीबियों का हमें आभारी होना चाहिए जो
सीमाओं में रहने को बाध्य करते हुए हमें मूर्खतायें करने से रोकते हैं
हम मूर्ख हैं यदि
दूसरों को मूर्खता करने से तो रोक लेते हैं
मगर अपनी बारी
स्वयं मूर्खता करने से रोक नहीं पाते हैं
सीमाओं में रहने को बाध्य करते हुए हमें मूर्खतायें करने से रोकते हैं
हम मूर्ख हैं यदि
दूसरों को मूर्खता करने से तो रोक लेते हैं
मगर अपनी बारी
स्वयं मूर्खता करने से रोक नहीं पाते हैं
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