तुम मिलो तो
समस्त पूर्वाग्रह त्याग अपने
मैत्री भाव
मेरे जीवन में शोध विषय है
जीता आया मनुष्य, अनादि से
क्या हारा, क्या जीता उसने
और उत्कृष्ट क्या पाया उसने
मेरा ये अनुसंधान विषय है
जीत के क्या हारा मैं उससे
हार के उससे क्या जीत लिया मैंने
समझने में ये कठिन प्रश्न
मेरे अनुसंधान का विषय है
अपने आग्रह समक्ष नत मस्तक उसे कर दूँ
या उसके आग्रह नत मस्तक मैं हो जाऊँ
ये चलता मानसिक व्दंद
मेरे अनुंसधान का विषय है
स्वारथ की धुरी पर घूमती ये दुनिया
निःस्वार्थ की धुरी पर कैसे ले आऊँ
अनमोल जीवन को उसमें लगाऊँ कैसे
प्रश्न मेरे जीवन विज्ञान का विषय है
समस्त पूर्वाग्रह त्याग अपने
मैत्री भाव
मेरे जीवन में शोध विषय है
जीता आया मनुष्य, अनादि से
क्या हारा, क्या जीता उसने
और उत्कृष्ट क्या पाया उसने
मेरा ये अनुसंधान विषय है
जीत के क्या हारा मैं उससे
हार के उससे क्या जीत लिया मैंने
समझने में ये कठिन प्रश्न
मेरे अनुसंधान का विषय है
अपने आग्रह समक्ष नत मस्तक उसे कर दूँ
या उसके आग्रह नत मस्तक मैं हो जाऊँ
ये चलता मानसिक व्दंद
मेरे अनुंसधान का विषय है
स्वारथ की धुरी पर घूमती ये दुनिया
निःस्वार्थ की धुरी पर कैसे ले आऊँ
अनमोल जीवन को उसमें लगाऊँ कैसे
प्रश्न मेरे जीवन विज्ञान का विषय है
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