मर्द तुझे-
पापा, भाई या पति के मेरे हितों के प्रति समर्पण के लिए 'आभारी'
या जीवन को तबाह करने वाले 'दरिंदे',
के नज़रिये में देखूँ?
पापा, भाई या पति के मेरे हितों के प्रति समर्पण के लिए 'आभारी'
या जीवन को तबाह करने वाले 'दरिंदे',
के नज़रिये में देखूँ?
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