Friday, September 28, 2012

क्षमा वाणी पर्व -- करबध्द हार्दिक क्षमा याचना

क्षमा वाणी पर्व -- करबध्द हार्दिक क्षमा याचना


क्षमा वाणी में , क्षमा आचरण में ,क्षमा   ह्रदय में ,क्षमा कर्म में .
हों ऐसे यत्न हमारे  ,सबके लिए हो ,सब लिए हों ,क्षमा जीवन में .

प्रश्न दहेज़ का , पुत्री विवाह प्रसंग पर  , करबध्द हो हम क्षमा मांग लें .
हो प्रश्न व्यापार में  ,गुणहीन वस्तु प्रदाय का  ,स्व लालच से क्षमा मांग लें .

देते  लेते सेवा व्यवस्था सार्वजानिक उपक्रमों में ,रिश्वत से क्षमा मांग लें .
मदिरा-मांस परोसे जाने पर , मेजबान से करबध्द हो क्षमा मांग लें .

चरित्र हरने के संभावित स्थलों  में ,मित्र साथ निभाने से क्षमा मांग लें .
हिंसक हो अधिकार जताते ,आंदोलित जन से करबध्द हम क्षमा मांग लें .

दे शत्रु मांग पर  नेक सलाह हमवैमनस्य  भाव से हम  क्षमा मांग लें .
नम्र भाव से कठिन है जीवन  , भ्रम ऐसे  से करबध्द हम क्षमा मांग लें .

सिध्द कर दें  , सर्व जागृति जगा कर  ,सुखी  जीवन सिर्फ क्षमा भाव में .
जागृत हों जागृति आये   ,सबके लिए हो ,सब लिए हों ,क्षमा जीवन में .

हर प्राणी है जीवन अभिलाषी , जीवन सहज है सिर्फ क्षमा भाव में .
उत्तम क्षमा ही  उत्तम धर्म है, आज मांगते करबध्द क्षमा सभी से .

सजता स्वरूप है मानव व्यक्तित्व  में ,यही क्षमा है वीरस्य भूषणम .
आभूषण है यह निज आत्मा काधारण करें इसे अपनी भावना में  .  

क्षमा करें , जानी अनजानी  हमारी भूलों को ,दिखते हमें हैं वीर आपमें .
क्षमा पुष्प  , क्षमा हीरा है ,बिखरी चहुँ  ओर जगमग ,गंध  क्षमा वाणी में .

-- राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
28-09-2012

No comments:

Post a Comment