Friday, July 6, 2018

ज़िंदगी नाम है मुश्किलों से पार पाने का
मुश्किलें नहीं जिसमें उसे ज़िंदगी कैसे कहिये


लिखते कि इक दिन गुजर जाना है
लिखते कि दिल नेक , एक बताना है
नेकदिल से जी,ज़िंदगी होती इस वजह
नेकदिली की लिख लिख के जी जाना है

भविष्य के गर्त में - बहुत आशंकायें छिपी होतीं मगर
वर्तमान हो के गुजरता है - बेहतरीन यादगर बन कर

मोहब्बत हर जगह उसे खोजने की जरूरत क्या
खोजें वे तरीक़े जिनसे मोहब्बत निभाई जाती है

जो पानी में बह जायें
ऐसे ख़्वाब देखना दुःख देते हैं
ज़िंदगी जी के यूँ हम दिखलायें
जो औरों की ख़्वाब बन जाये

उदास नहीं होना कि - तुम्हारी तारीफ नहीं लिखते
 इस कदर निजी हो तुम - दिल में छिपाये रखते हैं

उसी से सब साथ चाहते हैं
 जिसके साथ सब होते हैं
 कोई छांव , दरख़्त , कोई साये तक साथ नहीं
 इसलिए तन्हा , बेचारे हैरान हैं

इक उम्मीद कि - ज़िंदगी बहार ले आएगी कभी
 अच्छी यूँ रही कि - ज़िंदगी ख़ुशी ख़ुशी गुज़र गई

तुम्हारे अनुसार
 हम नहीं चल सकते
 हमारे अनुसार तुम चलो
 हमारी चाहत क्या अजीब नहीं?


हमारे गुस्से से ,
किसी को क्या फर्क पड़ता है मालूम नहीं
 पर तय है कि हम ,
अपने बेशक़ीमती लम्हें बिगाड़ते हैं


क्या होती है स्मार्टनेस?
उसके लिए दिल में भरी है नफ़रत
 वह मिले तो
 उससे अज़ीज कोई नहीं दिखाते हैं


क्या होती थी मर्यादा?
दिल में रखते थे प्यार
 मगर
 चेहरे से रुखाई दिखाते थे

लिखते हैं हम - बहुत कुछ तो ज़िंदगी में लिख देंगे
 छूट जाए जो लिखना - बाद आप खुद समझ लेना

कुछ हैं
 जो आज भी सँस्कार देकर
 और कुछ
 सँस्कार लेकर जिया करते हैं

नापसंदगी किसी की वक़्त पे समझ ले , भाई
 नासमझ तू रहा तो - नफ़रत में तब्दील होगी

पसंद हो जो बात - अपनी हो कहाँ जरूरी है
 रखो दिल में कि - दिल को ख़ुशी मिलती है

 

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