निसंदेह तुम बहुत सुंदर हो , तुम्हारी इस रूह का इस शरीर में , नारी रूप में होना एक निराली घटना है। रूह , शरीर और नारी होने का यह संयोग खत्म होने पर , और कोई नहीं होगा जो तुमसा होगा। अपने इस निरालेपन को बहुत भले और निराले कार्यों से तुम और भी खूबसूरती प्रदान कर सकती हो। यह आत्मविश्वास गर रखो तो तुम अपनी जी गई ज़िंदगी पर खूबसूरती के चार चाँद लगाते हुए बेमिसाल भी हो सकती हो ..
--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
14-07-2018
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