बहुत दे चुका राष्ट्र और क्या दिलाना चाहते हो ?
मीडिया ,बहुत दे चुका राष्ट्र और क्या दिलाना चाहते हो ?
वे हजारों घंटे जिसमें पढ़कर बनता स्वयं महान
दिए देखने में उनका खेल बना दिया उन्हें महान
व्यय किये हजारों रुपये बचत और मेहनत के अपने
देखा इतना बने लोकप्रिय और कमा हुए अरबपति वे
जूठन भी हर समय भोजन को मिल जाए तो है भाग्य
निर्धन ,वृध्द लाचार मर जाते यहाँ उपचार अभाव में
नारी ,बेटी ,बहन सुरक्षित नहीं इस देश -समाज में
आशा जिनपर परिवार आजीविका की भटकते हैं ऐसे युवा
समस्याओं और बुराई का दिखता नहीं कहीं पर अंत
ऐसा है हमारा स्वतन्त्र भारत करने के जिसमें स्कोप अनंत
हैरत ,ऐसे में असमंजस उन्हें क्रिकेट बिना मै जियूँगा कैसे ?
--राजेश जैन
11-10-2013
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वे हजारों घंटे जिसमें पढ़कर बनता स्वयं महान
दिए देखने में उनका खेल बना दिया उन्हें महान
व्यय किये हजारों रुपये बचत और मेहनत के अपने
देखा इतना बने लोकप्रिय और कमा हुए अरबपति वे
जूठन भी हर समय भोजन को मिल जाए तो है भाग्य
निर्धन ,वृध्द लाचार मर जाते यहाँ उपचार अभाव में
नारी ,बेटी ,बहन सुरक्षित नहीं इस देश -समाज में
आशा जिनपर परिवार आजीविका की भटकते हैं ऐसे युवा
समस्याओं और बुराई का दिखता नहीं कहीं पर अंत
ऐसा है हमारा स्वतन्त्र भारत करने के जिसमें स्कोप अनंत
हैरत ,ऐसे में असमंजस उन्हें क्रिकेट बिना मै जियूँगा कैसे ?
--राजेश जैन
11-10-2013
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