मेरी प्रतिष्ठा सब दिशा फैले
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मेरी प्रतिष्ठा सब दिशा फैले
मै उन्नति करूँ सबसे ज्यादा
मेरी पत्नी हो सबसे सुन्दर
वह हो चरित्रवान सुशीला भी
मेरे बच्चे हों कुशाग्र व सुन्दर
हम सब हों स्वस्थ ,दीर्घायु
हो वैभव मेरा बहुत ही ज्यादा
ना हो कोई बराबर मेरे ,हमारे
हम हों सबसे अच्छे व निराले
ऐसी रखता कामना जीवन भर
प्रार्थना ले रोज मंदिर हूँ जाता
हर तरह पूजा व भक्ति करता
सदाकाल से रीत चली आ रही
हर ह्रदय में रहती भावना ऐसी
वशीभूत हो उपाय सभी करते
लेकिन रहती कामनाएं शेष
हम देखते असफल होते सबको
तब भी ना लेते सबक जीवन में
दोहराते भूल वही सब जो करते
होते खेद खिन्न स्व-भावना से
आठ अरब मनुष्य विश्व में
सबके होती एक सी भावना
कैसे ? इतने सब एक साथ
हो सकते हैं सर्वश्रेष्ठ सारे
मेरे हमारे की चिंता छोड़कर
हम करें चिंता थोड़ी अन्य की
अवसर होने पर तब अन्य भी
करें वैसी ही चिंता हमारी
थी रीत संस्कृति भारतीय की
सहज था इसलिए जीवन पहले
दीवाली के इस शुभ दिन से
संकल्प लें समाज सुधार का
रखें आचरण व कर्म अच्छे तो
स्वतः बढेगी प्रतिष्ठा अपनी
आलोकित ह्रदय हो दीवाली दीप से
शुभकामना इस दीपावली मेरी
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