Thursday, August 8, 2019

राजनीति से परे ..

राजनीति से परे .. 

लालकृष्ण अडवाणी जी हमारे बीच आज इस बात की जीती जागती तस्वीर हैं कि कैसे सर्व हित में अपने हितों (तथाकथित) की तिलाँजलि दी जाती है एवं राष्ट्र हित या समाज हितों के लिए कैसे अपनी महत्वकाँक्षाओं का दमन करते हुए खामोश और अनुशासित रहा जा सकता है। 
वास्तव में अटल जी के समय ही वे उनके समकक्ष ही नेता थे लेकिन पार्टी और देश की भावना को समझते हुए उन्होंने खुद को अटल जी से पीछे रख लिया. पार्टी को इतना समर्थन दिलाने के लिए उन्होंने सूझबूझ और अथक मेहनत की लेकिन जब अवसर आया 2014 का तो उन्होंने अपने से कहीं जूनियर मोदी जी के अधीनस्थ रह लेने की हृदय विशालता का परिचय दिया। यही नहीं उन्हें 2019 के चुनाव में टिकट भी नहीं दिया गया , उसे भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। वे पार्टी की ओर से राष्ट्रपति के लिए भी संपूर्ण योग्यता रखते थे , लेकिन उन्हें वह स्थान भी नहीं दिलाया गया। वे अग्रणी नेता होते हुए भी पार्टी के अनुशासित सिपाही के तरह रह लेने की अपने हृदय विशालता का परिचय देने में कामयाब रहे। 
आज कोई उन्हें भले ही कनिष्ठ नेताओं व्दारा छला हुआ, असफल नेता निरूपित करे किंतु इतिहास उनकी महान सफलता का गुणगान लिखेगा। उनमें स्वार्थ रहित, औरों से भिन्न वह एक निराला, महान व्यक्तित्व देखेगा जो औरों जैसे अपने स्वार्थलिप्सा में इस समाज या देश को क्षति पहुँचाने में भी हिचकते नहीं, ग्लानि अनुभव नहीं करते। 
इतिहास, उन्हें अपनी सारी महत्वकाँक्षाओं की तिलाँजलि देने की बेचैनी में भी स्व नियंत्रण कर लेने वाला, एक महान दूरदृष्टा भी निरूपित करेगा  जो यह देख सकने में सफल रहा कि उनके कनिष्ठ नेताओं की अगुआई में उनकी पार्टी, उनके नेतृत्व से भी ज्यादा सशक्त पार्टी होगी जो देश के हितों के लिए सहासिक कदम उठाने में सक्षम होगी। 
प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति होना ही सफलता या मनुष्य जन्म की सार्थकता नहीं होती। स्मरण रहे कि महावीर स्वामी सर्वस्व त्याग के बाद, ईसा सूली पर लटकाये जाने बाद, श्रीकृष्ण राजा नहीं होने पर भी और सुभाष चंद्र बोस असमय मारे के बाद भी (ऐसे ही और भी उदाहरण हैं जो) जीवन की चरम सार्थकता की उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे थे। 
हम भी इतिहास के नज़रिये को समझें और माननीय लालकृष्ण अडवाणी जी के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने कर्मों एवं आचरण में उनके आचरण के कुछ अंश लाने का प्रयास करें। 

--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन 
10-08-2019

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