हर लम्हा गुजरता है
हर इंसा गुजरता है
कद्र रहे लम्हे और इंसा की
कि हमें ख़ुद भी तो गुजरना है
ज़िंदगी में मुहब्बत मिले - जरूरत सब की है
चलो ये जरूरत आपकी - हमसे मुकम्मल है
ज़िंदगी से हमें सब हार ही जाना है तब
उससे जीत कर दिल न उसका दुखायेंगे
ख़ुश उसे देख देख कर
हम ज़िंदगी से जीत जायेंगे
ताने उलाहने देना हमारी ही कमजोरी होती है
हम लेकिन इससे प्रताड़ित अन्य को करते हैं
हम चाहें तो अपनी बुध्दिमत्ता से किसी बुरे को अच्छा बना सकते हैं
लेकिन उस पर अपनी श्रेष्ठता देखने के लिए उसे बुरा ही रहने देते हैं
हर इंसा गुजरता है
कद्र रहे लम्हे और इंसा की
कि हमें ख़ुद भी तो गुजरना है
ज़िंदगी में मुहब्बत मिले - जरूरत सब की है
चलो ये जरूरत आपकी - हमसे मुकम्मल है
ज़िंदगी से हमें सब हार ही जाना है तब
उससे जीत कर दिल न उसका दुखायेंगे
ख़ुश उसे देख देख कर
हम ज़िंदगी से जीत जायेंगे
ताने उलाहने देना हमारी ही कमजोरी होती है
हम लेकिन इससे प्रताड़ित अन्य को करते हैं
हम चाहें तो अपनी बुध्दिमत्ता से किसी बुरे को अच्छा बना सकते हैं
लेकिन उस पर अपनी श्रेष्ठता देखने के लिए उसे बुरा ही रहने देते हैं
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