अंतर देख देख - विवाद खड़े करना दृष्टिदोष है तुम्हारा
तुम -
कभी धर्म में
कभी जाति में
कहीं देश-प्रदेश में
कहीं नस्ल में
कहीं भाषा में
कहीं गरीब -अमीर में
कहीं वृध्द जवान में
सब एकसे हो गये तब भी
नारी - पुरुष में भेद कर बैठते
ऐसे नालायक हो तुम
--राजेश जैन
30-09-2017
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