Saturday, October 27, 2012

कारण अर्नब पुत्र आपके

कारण अर्नब पुत्र आपके

हुए आप आज एक बरस के
कारण चिरंजीव अर्नव आपके
दीपा और लोकेन्द्र गए बदल
रहने हाजिर दुलार करने को

लोकेन्द्र को नापसंद अब होता
घर छोड़ आपको कॉलेज जाना
दीपा चिढती उन गृह कार्यों से
घंटों दूर जो रखते प्रिय आपसे

नहीं मानते दोष इन दोनों का
हर वह बनता इनके जैसा ही
जिनका बच्चा आपसा प्यारा
सुन्दर आप बाल कन्हैय्या से
 
आपकी चितवन एक अदा सी
किलकारियां  गूंजती संगीत सी
हुआ पूर्ण सुमधुर एक सपना
उत्पन्न हो रहे कई सपने पर

सपूत प्रसिध्द कई इस देश के
बनना आप तो उनसे बढ़कर
ना हो अगर संभव ऐसा तो
कम से कम बनना उन जैसा

कामना शुभ जन्मदिन आपका
बधाई  लोकेन्द्र और दीपा को
आये हजारों बार ये  शुभ दिन
कामना देंखे लोकेन्द्र संग दीपा  


  
 

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