फ़िक्र नहीं
क्या मानता मुझे ज़माना
फिक्र में रहा मैं कि
तुम्हें बचाना था
कोरोना से तो
निबट लेगी ये दुनिया
बहाना ले
इंसानियत याद कराना था
RCMJ
क्या मानता मुझे ज़माना
फिक्र में रहा मैं कि
तुम्हें बचाना था
कोरोना से तो
निबट लेगी ये दुनिया
बहाना ले
इंसानियत याद कराना था
RCMJ
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