चार दिनी ज़िंदगी के इस सफ़र में एहतियात रखी
कि मेरी ख़ुशियाँ औरों की ख़ुशी की राह नहीं काटें
जब सवाल तेरी मेरी ख़ुशियों में तकरार का आया
अपने लिए थोड़ी ख़ुशी मंजूर कर तकरार को टाला
कि मेरी ख़ुशियाँ औरों की ख़ुशी की राह नहीं काटें
जब सवाल तेरी मेरी ख़ुशियों में तकरार का आया
अपने लिए थोड़ी ख़ुशी मंजूर कर तकरार को टाला
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