Friday, May 24, 2019

लिखने का मेरा लक्ष्य ज़माने को पढ़ाना नहीं
खुद पढ़कर समझने की कोशिश करता हूँ कि
मेरे भीतर का इंसान मरा तो नहीं

गर अपने सिर पर चढ़े जूनून उतार फेंके तो
बिंदास हम जी सकते हैं, जूनून बोझ होते हैं

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