अपना सारा कुछ देकर यूँ ना घबरा कि
अभी और है जो तू दे सकता है
श्वाँस है तब तक औरों के काम आते हुए
तू उनकी खुशियाँ हो सकता है
ज़िंदगी है तो हर हाल में उम्मीद और हौसला रख
निराश जो उससे आज किसी को कोई वास्ता नहीं
अभी और है जो तू दे सकता है
श्वाँस है तब तक औरों के काम आते हुए
तू उनकी खुशियाँ हो सकता है
ज़िंदगी है तो हर हाल में उम्मीद और हौसला रख
निराश जो उससे आज किसी को कोई वास्ता नहीं
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