Wednesday, November 6, 2013

नारी चेतना और सम्मान रक्षा


नारी चेतना और सम्मान रक्षा
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परिवार चलाने में महत्व मेरा
 नहीं पुरुष कोई तुम से कम है
 उत्पत्ति में नव संतति के लिए
 मेरी भागीदारी भी बराबर की है

संरक्षण परिवार को देने यदि
 कठिनाई हे पुरुष तुम झेलते हो
 तब कठिनाई में तुम्हें देखकर
 प्रेम-दुलार,धीरज तुम्हें देती हूँ

मैं इस विवाद में नहीं उलझती
 भूमिका मेरी तुम से अहम् है
 हे पुरुष किन्तु जितना सहारा
उतना देती मै भी परिवार को

पुरुष ने बनाये लच्छेदार बोल
भारतीय नारी के सम्मान के
रहे सिर्फ मंच से भाषणों के लिये
यथार्थ मिलता उल्टा असम्मान हमें

लिया जन्म हमने भी मानव का
समाया उसमें मन पुरुष जैसा ही
हूँ समतुल्य, उठता प्रश्न बहुधा ही
प्रयोग नारी क्यों होता वस्तु सा

आओ पुरुष सहायता करो मेरी
चेतना हममें जाग सके सहज सी
स्वाभिमान बचायें अपने जीवन में
रक्षा सक्षम बन, पायें सम्मान नारों सा 

--राजेश जैन
06-11-2013

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