Sunday, November 10, 2013

विवाह पूर्व मिलान -जुलान

विवाह पूर्व मिलान -जुलान
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आजकल जब विवाह हेतु विवाह पूर्व मिलान -जुलान होता है
कोई मिलान करता है ..
*  टीपना (कुण्डली)   .
*  शिक्षा , पद ,आय .
*  रक्त समूह .. (अन्य स्वास्थ्यगत पैरामीटर )
*  धर्म-जाति और खानपान 
*  शरीर गठन और ऊँचाई  इत्यादि

ऊँचाई  पर से एक वास्तविक घटना का उल्लेख लघु -कथा रूप में कर रहा हूँ .

"विवाह हेतु बात चली उसकी, कन्या पक्ष जाति का था , परिवार संपन्न था , कन्या पढ़ी -रूपवान थी . उसको पसंद आ गई थी . अपने बेटे की ऊँचाई अधिक की तुलना में कन्या की कुछ कम लगने से पिता के मुख पर यह बात सम्बन्ध तय होने ,सम्बन्ध के समय और सम्बन्ध हो जाने के उपरान्त भी अनेकों बार सुनने में आई ..
विवाह हुआ उसका दाम्पत्य आरम्भ हो गया . कुछ ही अवधि में वह वास्तविकता से परिचित हो गया . ब्याही पत्नी सुशील ,गुणी ,सुघड़ और पति-परिवार समर्पिता है . जिसने असंयमित , कम -अनुशासन इत्यादि उसके गुणहीनता  को धीरे धीरे परिवर्तित करना आरम्भ कर दिया . दो बच्चे हुए . लालन-पालन में समर्पण देख वह अचंभित था . विवाहपूर्व के आर्थिक परिवेश की तुलना में उसे (पत्नी) यहाँ कमी थी . बिना शिकवे शिकायत के तंग-हस्त व्यय कर बिना किसी को कमी का आभास कराये किस सुंदरता से गृहस्थी चलाई एक आश्चर्य जनक सच था .
बच्चों की आवश्यकता , मनोविज्ञान की समझ थी . प्रथम दृष्टया कड़े अनुशासन से किसी को लगता कि बच्चों से लाड-दुलार ,प्यार कम है इस परिवार में .

बच्चे बड़े होते गए . उचित -अच्छी शिक्षा और मार्गदर्शन से अच्छे स्थिति में आ गए . उसे भय था , बच्चे अब कड़ाई की शिकायत कर सकते हैं . लाड-प्यार की तुलना अन्य मित्रों को मिले से कर उलाहना दे सकते हैं .

तब बच्चों के मुख से और उनके आदरभाव से अब यह साफ़ हो रहा है . माँ कितना चाहती हो आप , कितना कुछ किया आपने हमारे लिए और आप हमारी दुनिया में प्रथम आदर्श हो ..

वह सोचता है .. पत्नी का कद तुलना में दिखने में भले कम रहा .. किन्तु कितना ऊँचा व्यक्तित्व है उनका . बार बार समक्ष बौनेपन का अनुभव होता आया है ,बीते बरसों  में उसे . "

विवाह यदि लॉटरी है तो कामना ऐसी लॉटरी सभी की लगे ..
और इतनी चेतना नारी में हो तो सम्मान रक्षा समस्या ही ना बचे ..

नारी सम्मानित घर घर होगी..

--राजेश जैन
10-11-2013

 

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