Friday, March 8, 2019

ख़ुद की गलती पर अपनी बुध्दि पर तरस नहीं आता है
मगर
उसकी गलती पर हमें उस पर बहुत गुस्सा आ जाता है

ज़िंदगी में बहुत अरसे तक - अक्ल आधी आई रहती है
अपनी गलती समझ न आती - औरों में दिखाई देती है

सबसे अलग हम कैसे हो सकते हैं
जब
मान और प्रशंसा से हम भी खुश होते हैं

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