ख़ुद में रहो मशरूफ़ #राजेश हर्ज कोई नहीं
मगर याद रखो समाज निर्माण सा फ़र्ज कोई नहीं
तेरे दर्द को #राजेश गर ज़माना भाँप जाएगा
कैसे फिर कभी तू ख़ुद को मर्द मान पाएगा
मगर याद रखो समाज निर्माण सा फ़र्ज कोई नहीं
तेरे दर्द को #राजेश गर ज़माना भाँप जाएगा
कैसे फिर कभी तू ख़ुद को मर्द मान पाएगा
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