हर कोई यहाँ जिसे जहान में अपना कोई मिलता नहीं
फिर मतलबपरस्ती के रिवाज़ क्यूँ कोई बदलता नहीं
#जोर_जबरदस्ती नहीं है समाधान
मज़हबी मक़सद गर हिंसा के जरिये तुम लाना चाहोगे
अपने साथ मासूमों को हिंसा के चक्र में फँसा जाओगे
वास्तव में इंसानियत का मिजाज अहिंसा है किंतु
दुःखद है कि
हम कहते खुद को इंसान हैं
मगर इंसान होने का सबूत हम देते नहीं हैं
फिर मतलबपरस्ती के रिवाज़ क्यूँ कोई बदलता नहीं
#जोर_जबरदस्ती नहीं है समाधान
मज़हबी मक़सद गर हिंसा के जरिये तुम लाना चाहोगे
अपने साथ मासूमों को हिंसा के चक्र में फँसा जाओगे
वास्तव में इंसानियत का मिजाज अहिंसा है किंतु
दुःखद है कि
हम कहते खुद को इंसान हैं
मगर इंसान होने का सबूत हम देते नहीं हैं
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