Friday, March 8, 2019

#बुढ़ापे_की_तासीर
कमाई कम हो जाती - चीजें महँगी सूट करती हैं
महँगे फल , ऊँचे दर्जे का सफर , महँगी दवाई और दुर्लभ "आदर" की अभिलाषा

शुक्र, किसी के चाह बस लेने से नहीं कोई चीज अपनी होती

वर्ना
बेचारी खूबसूरत कोई लड़की न जाने कितनों की अपनी होती

क़ायम रहें ख़ुशनसीब भी ताकि मालूम रहे ख़ुशनसीबी भी कुछ होती है

यूँ न जलो ख़ुशनसीबों से कि कभी खुशनसीब तुम भी होगे

यूँ जलोगे ख़ुशनसीबों से तो ख़त्म तुम खुद ही होगे और ख़ुश हुए उन्हें देखके तो कभी खुशनसीब तुम भी होगे


ख़ुशनसीबों से हाथ मिलाने मिलता है हमें


यूँ किसी ख़ुशनसीब से क्या कम हैं हम

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