Sunday, April 21, 2019


थोड़े में ज्यादा समझ लेने की प्रतिभा आ जाने से

अब वक़्त न होता कि कोई विस्तार से पढ सके

गठबंधन तो बस स्वार्थ की जोड़ तोड़ है निस्वार्थ जुड़ने को लगती न कोई डोर है

वक़्त का है बदलने का मिज़ाज, नहीं रोक पाऊँगा मैं बदल रहे वक़्त को अच्छी दिशा मोड़ जाऊँगा

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