Saturday, April 6, 2019

ज़िंदगी के सफ़र में अब 'चुक' गया है वह

लिखना आता था लिख 'कुछ' गया है वह

वक़्त था जब सब अपनी ओर खींचने को मन करता था वक़्त आया अब हाथ से जाता हुआ भी मन खुश करता है

इश्क़ तुमसे होना था, हो तो वह गया ख़ुशी मिली या दर्द, गिला न रह गया

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