Saturday, April 13, 2019

दुनिया से लेते रहा ताउम्र, बहुत कुछ तू
लाया था इंसानियत, वह दुनिया को दे सका तू?


इंसानियत नहीं थी , कोई बहुत मुश्किल सी बात
बस इतनी ही समझ थी- "जैसी तुझे चाहिए वैसी ही ख़ुशी सभी को चाहिए थी"

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