दुनिया से लेते रहा ताउम्र, बहुत कुछ तू
लाया था इंसानियत, वह दुनिया को दे सका तू?
इंसानियत नहीं थी , कोई बहुत मुश्किल सी बात
बस इतनी ही समझ थी- "जैसी तुझे चाहिए वैसी ही ख़ुशी सभी को चाहिए थी"
लाया था इंसानियत, वह दुनिया को दे सका तू?
इंसानियत नहीं थी , कोई बहुत मुश्किल सी बात
बस इतनी ही समझ थी- "जैसी तुझे चाहिए वैसी ही ख़ुशी सभी को चाहिए थी"
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