उफ़ यह जुर्म हमसे हुआ कैसे
मर गए उनके पीछे हमने बताया कैसे
हमारे मरने का राज सीने में दफन जाता
अच्छा था कोई उन्हें गुनहगार न बताता
खुद्दार मैं, मेरे लबों पर शिकायतें कभी होती नहीं
ज़िंदगी के कमज़ोर पलों ने मगर बेबस किया था
मर गए उनके पीछे हमने बताया कैसे
हमारे मरने का राज सीने में दफन जाता
अच्छा था कोई उन्हें गुनहगार न बताता
खुद्दार मैं, मेरे लबों पर शिकायतें कभी होती नहीं
ज़िंदगी के कमज़ोर पलों ने मगर बेबस किया था
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