Wednesday, April 24, 2019


ज़्यादा हमें हैं तो शायद औरों को गम कम होंगे
यह ख्याल हमारे दिल को बहलाने को काफी है

जितनी भी है ख़ुशी, हमें ज्यादा की हसरत नहीं
परेशां मगर यूँ हैं कि औरों में ख़ुशी, कम क्यूँ हैं

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