काजल
--------
14 -15 साल की होगी काजल , नानी के साथ घर के काम करने निकलती है. शिक्षा के महत्व से इस उम्र में अनजान है। नवमी तक पढ़ के पढ़ाई छोड़ चुकी है। पढ़ा भी ऐसा है कि अखबार तक ठीक से पढ़ नहीं सकती। पूछा - और क्यूँ नहीं पढ़ती? कहती है समय नहीं मिलता। पूछा - कितने बजे घर पहुँचती हो ? कहा - दो बजे। पूछा - फिर क्या घर के काम करती हो ? कहा - हाँ। फिर पूछा - टीवी देखती हो? कहा - हाँ , बहुत पसंद है।
ना ही छोटी बालिका को समझ - ना घरवाले समझ रहे हैं कि क्या उसके जीवन के लिए भला है। सरकारी ग्रामीण स्कूल भी - पढ़ाने की एक औपचारिकता बस पूरी कर रहे हैं। काजल - जिंदगी को / भले-बुरे को बहुत कुछ टीवी देख समझेगी - जिस में सामग्री , कहीं भी शिक्षाप्रद / सँस्कार देने वाली नहीं है। नचैया - गवैय्या - फूहड़ कॉमेडी /सेलिब्रिटी - और अर्द्धनग्नता दिखा - लोकप्रियता और पैसा कमाने वाले सब लोग हैं। समझ सकते हैं कोई उच्च सोच /शिक्षा और संस्कृति तो नहीं दे सकेगें ये सब काजल को।
--राजेश जैन
04-05-2016
--------
14 -15 साल की होगी काजल , नानी के साथ घर के काम करने निकलती है. शिक्षा के महत्व से इस उम्र में अनजान है। नवमी तक पढ़ के पढ़ाई छोड़ चुकी है। पढ़ा भी ऐसा है कि अखबार तक ठीक से पढ़ नहीं सकती। पूछा - और क्यूँ नहीं पढ़ती? कहती है समय नहीं मिलता। पूछा - कितने बजे घर पहुँचती हो ? कहा - दो बजे। पूछा - फिर क्या घर के काम करती हो ? कहा - हाँ। फिर पूछा - टीवी देखती हो? कहा - हाँ , बहुत पसंद है।
ना ही छोटी बालिका को समझ - ना घरवाले समझ रहे हैं कि क्या उसके जीवन के लिए भला है। सरकारी ग्रामीण स्कूल भी - पढ़ाने की एक औपचारिकता बस पूरी कर रहे हैं। काजल - जिंदगी को / भले-बुरे को बहुत कुछ टीवी देख समझेगी - जिस में सामग्री , कहीं भी शिक्षाप्रद / सँस्कार देने वाली नहीं है। नचैया - गवैय्या - फूहड़ कॉमेडी /सेलिब्रिटी - और अर्द्धनग्नता दिखा - लोकप्रियता और पैसा कमाने वाले सब लोग हैं। समझ सकते हैं कोई उच्च सोच /शिक्षा और संस्कृति तो नहीं दे सकेगें ये सब काजल को।
--राजेश जैन
04-05-2016
No comments:
Post a Comment