Friday, April 22, 2016

दृश्य - भंडारे के बाद का ...

दृश्य - भंडारे के बाद का ... (मंदिर - थिएटर रोड ,केंट ,जबलपुर )
जिस देश में निर्धनता ऐसी कि बच्चे स्कूल में पढ़ने भी इसलिए भेजे जाते हैं कि वहाँ उन्हें भोजन मिल जाएगा ,उस देश में बिना स्व-श्रम के प्राप्त भोज्य का ऐसा अनादर कि जूठा-छोड़ा हुआ सड़कों पर ठोकर खाता है ..
हम विचार करें ,
"जितना खा सकें उतना ही प्लेट में लें"
--राजेश जैन
23-04-2016

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