Monday, September 7, 2015

क्यों राधे माँ ,इन्द्राणी ?

क्यों राधे माँ ,इन्द्राणी ?
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पानी में खेलने में ,मजा बहुत आता है
सिर से ऊपर वह कठिनाई बन जाता है
तैरना जिसे आता , तैर निकल आता है
न मिले बचाने वाला ,अन्य डूब जाता है

कामुकता की लहरें सब तरफ ऊँची उठ रही
मजे लेते लेते , भ्रमित पीढ़ी उसमें डूब रही
जो नियंत्रण रखते स्वयं पर ,ही बस बच रहे 
अन्य स्वयं और दूसरों को ले ,उसमें डूब रहे

नियंत्रण रख बचती रही थी अब तक ,नारी
सिर से ऊपर हुई अब कामुकता में ,डूब रही
है खेद हम पुरुषों पर ,जिनकी चपेट में ,नारी
अब ,कोई राधे माँ तो कोई इन्द्राणी बन रही

दोष नहीं नारी में ,स्वयं पुरुष में ढूँढना होगा
क्यों राधे माँ ,इन्द्राणी? उपाय ढूँढ ,करना होगा
--राजेश जैन
 08-09-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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