Sunday, September 20, 2015

आँखों से नींद , हृदय का चैन खोया है (काल्पनिक)


आँखों से नींद , हृदय का चैन खोया है (काल्पनिक)
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बैचैन हो सोनोग्राफी के वैज्ञानिक ,रात-दिन ,दुनिया में सब तरफ
इकठ्ठे मिल बैठ ,चर्चाओं में उलझ ,मेहनत कर ,दिमाग दौड़ा रहे हैं

गर्भस्थ शिशु लिंगभेद ज्ञात होता है जिससे ,खोज सोनोग्राफी में कर
उस तरंग आवृत्ति* को ब्लॉक करने की पध्दति विकसित कर रहे हैं

पत्रकारों ने बैचैनी की वजह का पता किया तो तथ्य सामने आया है
वैज्ञानिकों का सपने में विश्व में एक साथ ,गॉड से साक्षत्कार हुआ है 
उन्हें उनकी भाषा में ईश्वर ने बताया है , अगला जन्म वैज्ञानिकों का
भारत में होना है ,साथ ही यह भी पुरुष नहीं नारी हो उन्हें जन्मना है

उस रात बाद से गहमा गहमी ये बढ़ी है जन्म हो सके ,गर्भ में न मारे जायें 
लिंग परीक्षण संभव न हो ,चिंता में आँखों से नींद , हृदय का चैन खोया है
(* २० हजार हर्ट्स से अधिक आवृत्ति की तरंगों को मनुष्य सुन नहीं सकते हैं ,उसे पराश्रव्य कहा जाता है।  इस आवृत्ति की तरंगों से सोनोग्राफी तकनीक में शरीर के अंदर की बात चित्र रूप में देखी जाती है )
--राजेश जैन
20-09-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
 

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