औरों को देखता था जिससे
इक दिन उस दृष्टि से खुद को देखा
जो खराबियाँ औरों में दिखती थीं
खुद को भला समझने वाला, खुद अपने में देख चौंका
इक दिन उस दृष्टि से खुद को देखा
जो खराबियाँ औरों में दिखती थीं
खुद को भला समझने वाला, खुद अपने में देख चौंका
रूप के दिन ब दिन ढलते जाने से
पत्नी मुख पर उदासी छा जाने से
गलबहियाँ ले पति प्यार से बोले
हमें भी आईं झुर्रियाँ साथ समय बीतते जाने से
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