Saturday, May 14, 2016

हमारा घर आँगन

हमारा घर आँगन ...

वास्तव में फेसबुक पर हमारी टाइमलाइन , हमारा घर आँगन जैसी होती है. यहाँ पर हमारे मित्र और अन्य के लाइक ,कमेंट या टैग , उनका आगमन जैसा होता है। एक तरह से वे इनके माध्यम से अतिथि जैसे हमारे घर आँगन में पधारे होते हैं।  हमारी संस्कृति अनुरूप मैं , अपने अतिथियों के सम्मान रखने को दृढ संकल्पित हूँ।  और इसमें विचारों की सहमति /असहमति कोई बाधा नहीं है ,बशर्ते भाषा में शालीनता एक सामान्य शिष्टाचार अनुरूप पालन की जाये।
असहमति का भी स्वागत है क्योंकि वह भी हमें और सच्ची विचारशीलता प्रदान करती है।
समस्त लाइक ,कमेंट्स और टैग करने वाले मेरे आदरणीय मित्रों के साथ उन्हें भी जो मेरी पोस्ट यदा कदा पढ़ते हैं -  नमन ,अभिवादन ,हार्दिक आभार एवं  धन्यवाद _/\_ :)
--राजेश जैन

 

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