Tuesday, November 11, 2014

ऐसी पत्नी पाई जाती है , भाई

ऐसी पत्नी पाई जाती है , भाई
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"परफेक्ट पत्नी
ना कभी झूठ बोलती है।
ना कभी तंग करती है।
ना कभी धोखा देती है।
ना कभी शक करती है।
ना कभी शॉपिंग को जाती है।
ना कभी पैसे मांगती है।
और ना  ही दुनिया में पाई जाती है …… "

उपरोक्त एक ऐसी पोस्ट पर लेखक ने विचार किया फिर कमेंट लगाया , जो इस लेख की हैडिंग है।

आज जैसे मशीन से वुडेनवर्क से पहले के समय में , कारपेंटर लकड़ी को स्मूथ करते थे .जिससे यह कार्य किया जाता था , हमारे यहाँ उस टूल को कारपेंटर "रंदा" कहते थे।  वह एक स्मूथ लकड़ी और बीच में पैनी मेटल से निर्मित होता था।  जिन्होंने कारपेंटर को काम करते देखा है जानते हैं , जिस लकड़ी पर यह चलता है उसे छीलते हुए ,स्मूथ करता जाता है।
स्पष्ट है लकड़ी की सरफेस को स्मूथ करने के लिए , उपकरण (टूल्स) का भी स्मूथ होना आवश्यक होता है , जिसके संपर्क ,प्रेशर और श्रम से लकड़ी स्मूथ शेप लेते जाती है।

यहाँ पति या पत्नी को लकड़ी और "रंदा" के स्थान पर रखा जा सकता है , जिस तरह रंदा वाली क्षमता से रफ़ सरफेस ,स्मूथ की जा सकती है। वैसे ही पति या पत्नी किसी एक में रंदा जैसी क्षमता (या गुण ) की विद्यमानता से संपर्क में रहने वाला पति या पत्नी दूसरे में स्मूथनेस (अच्छे गुणों को ) तराश देता है।

अतः जैसा परफेक्ट पत्नी में उल्लेख किया है,  भी दुनिया में हो सकती है, जबकि पति में भी इसी तरह परफेक्ट पति वाले गुण और क्षमता हों।
यह पेज नारी सम्मान की बात करता है , अतः नारी पक्ष से लेखक यही कहेगा , अगर कोई यह मानता है कि  "परफेक्ट पत्नी  दुनिया में नहीं पाई जाती है " तो उसके लिए पत्नी अकेले पर दोषारोपण न्यायोचित नहीं है , अगर पत्नी की यह नस्ल लुप्तप्रायः है तो इसके लिए पति भी दोषी है , जो स्वयं परफेक्ट नहीं रह गया है।

अगर हम पति हैं , पत्नी में परफेक्शन देखना चाहते हैं तो हम अपने में परफेक्शन लायें अर्थात
"परफेक्ट पति बनें .....
ना कभी झूठ बोलें ।
ना कभी तंग करें ।
ना कभी धोखा दें ।
ना कभी शक करें।
साथ ही शॉपिंग को जायें ।
परिवार व्यय के लिए आवश्यक पैसे न्याय से अर्जित और उपलब्ध करायें।
तब  परफेक्ट पत्नी  इसी दुनिया में ही हमें मिलेगी  …… "

--राजेश जैन
12-11-2014

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