Friday, January 10, 2014

अच्छाई का जमाना हो सकता है

अच्छाई का जमाना हो सकता है
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मनुष्य में अच्छाई जब दिखती है तो वह संवेदनशीलता ,उदारता , त्याग भावना और मानवता की द्योतक होती है इसलिए उसकी प्रशँसा अवश्य देखी , कही और लिखी जानी चाहिए हालाँकि अच्छे मनुष्य तो प्रशँसा पाने की नियत से अच्छाई नहीं करते  अच्छाई तो उनका स्वभाव हो जाता है  . किन्तु जब हम यह विचार करते हैं कि " अच्छाई का जमाना नहीं रहा " (आज यह उक्ति छोटे बच्चे के मुँह से भी सुनी जाती है ) ऐसी स्थिति में अच्छाई का अस्तित्व बचाये रखने के यत्न किये जाने आवश्यक हैं इस दृष्टि से  अच्छाई के लिए प्रशँसा अनिवार्य हो जाती है  .

जब प्रशंसनीय दृष्टि से अच्छाई को देखा ,कहा और लिखा जाता है तो यह अच्छी बात का उत्साहवर्धन होता है जिससे अच्छाई पर चलने के लिए हमारी पीढ़ी ,बच्चे और समाज प्रेरित हो सकते  हैं ।

--राजेश जैन
12-01-2013

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