Wednesday, January 1, 2014

वर्ष 2013 - और मेरी उपलब्धियाँ


वर्ष 2013 - और मेरी उपलब्धियाँ
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बीते वर्ष 2013 के दिसंबर माह में जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियाँ मुझे मिली इस समय मैंने
"अपने अहं से ऊपर उठ अपनी कमियों ,भूलों और गलतियों को देखना सीखा " 
फिर
"जिनके समक्ष मैंने कमियाँ  ,भूल और गलतियाँ  की उनसे क्षमा प्रार्थना की "
जिनमें
"मेरे पिता ,मेरा छोटा भाई और कुछ आदरणीय नए परिचित भी हैं "
परिणाम
"उन्होनें क्षमा प्रार्थना पर मुझे क्षमा किया अथवा नहीं , ये उनका अधिकार है "
लेकिन मैंने अनुभव किया
"भले आप क्षमा प्रार्थना कर लें , अपनी ग्लानि मिटती नहीं "
अतः
"सोच विचार कर ही व्यवहार ,वार्तालाप ,आचरण और कर्म हमें रखने चाहिए "
और इस हेतु सम्भव हो तो
"अपनी व्यक्तिगत महत्वाकाँक्षाओं को भी तजना चाहिए "
क्योंकि
"व्यक्ति विशेष का अस्तित्व तो मात्र 70 -80 वर्ष का होता है "
किन्तु
"मानवता और मनुष्य समाज जिसमें किसी व्यक्ति का अस्तित्व होता है , अनंत है जहाँ  आपसी सौहाद्र और भाईचारा नितांत आवश्यक है "
--राजेश जैन

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