Sunday, December 20, 2020

काश! काश! काश! (4)...

 काश! काश! काश! (4)...

नेहा उस रात, अपने पति नवीन की बातों पर विश्वास ना करते हुए उधेड़बुन में थी कि क्या बात है, नवीन अपनी सहकर्मी रिया के बारे में ऐसी शिकायत करते हुए क्यों आया है! 

नेहा ने, मूवीज, टीवी धारावाहिक एवं क्राइम पेट्रोल में कई बार देखा था इसलिए जानती थी कि कुछ पति ऐसे भी होते हैं जो, अपनी पत्नी के साथ प्यार से रहते हुए किसी ‘वह’ (अन्य युवती) के साथ एन्जॉय करते हैं। 

ऐसे में नवीन का बताया गया विवरण, नेहा को मनगढ़ंत और झूठ लग रहा था। उसे लग रहा था कि साथ में लेटा हुआ उसका पति नवीन ही आज, रिया के साथ कुछ गड़बड़ करके आया है। 

अब नेहा यह सोच रही थी कि कैसे, वह सच्चाई की तह तक जाए? नवीन से इस बारे में अधिक पूछताछ करने से अगर वह सही है तो नेहा के संदेह को समझ कर वह उस, पर नाराज हो सकता है। 

रिया से सीधे पूछना भी नेहा को सही नहीं लग रहा था। अगर नवीन, ही रिया के साथ कुछ गड़बड़ करके आया है तो रिया की नाराज़गी ताजी ताज़ी होने से नेहा को, उसकी सख्त प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। वैसे तो यह संभावना कम है मगर रिया ने ही अगर, ऐसा किया है तो रिया, कोई झूठी मनगढ़ंत बात कह सकती है। ऐसे में नेहा की उलझन दूर नहीं हो सकेगी। 

नेहा ने सोचा अभी के लिए ऐसा ही ठीक रहेगा कि वह, रिया के आगे दो तीन दिनों में मोबाइल कॉल या व्हाट्सएप मैसेज की प्रतीक्षा करे। उनके आधार पर सच्चाई की परख करे। 

ऐसे ही उद्वेलित कर रहे विचारों के कारण नेहा को, अगले कई घंटे नींद नहीं आई थी। 

इस बीच बगल में लेटा नवीन, करवटें बदलता रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह सो नहीं पा रहा रहा था। नेहा ने खुद सोने का बहाना करते हुए, नवीन को बार बार उठते देखा था। कभी वह जल पीने उठता, कभी वॉशरूम जाता इस बीच उसने दो बार सिगरेट भी पी थी। जबकि नेहा उसे रेयर स्मोकर ही जानती थी। 

यह सब देख कर नेहा सोच रही थी कि अगर नवीन कोई गंदा काम करके नहीं आया है तो उसे कोई टेंशन नहीं होना चाहिए था। जबकि नवीन पर तनाव साफ़ दिखाई पड़ रहा था। जिससे प्रतीत हो रहा था कि हो ना हो, नवीन ही आज कोई ख़राब काम करके आया है। 

इससे नेहा का गुस्सा बढ़ गया था। नवीन ने ऐसे में ही, नेहा को अपनी तरफ खींचा था। नेहा गुस्से से भरी हुई थी। उसने, नवीन से झिड़कते हुए कहा था - 

क्या है? आप, मुझे सोने भी नहीं दे रहे हैं जबकि आप जानते हैं कि मुझे बच्चों को स्कूल भेजने और आपके, नाश्ता एवं टिफ़िन तैयार करने के लिए सुबह जल्दी उठना होता है। 

नेहा की इस उग्र प्रतिक्रिया से अपराध बोध से दबे नवीन ने सकपका कर, अपने हाथ वापस खींच लिए थे। नेहा ने मन ही मन तय कर लिया था कि सच्चाई जाने बिना वह, नवीन की यह बात, अपने पर चलने नहीं देगी। 

फिर किस समय नेहा को नींद आई थी उसे याद नहीं रहा था। सुबह अलार्म जब बजा तब, उसकी नींद पूरी नहीं होने से उस पर आलस्य छाया हुआ था। 

उसे रात की बात स्मरण हो आई थी। तब, वह बिस्तर पर निस्तेज पड़ी रहना चाहती थी मगर एक गृहिणी चाहकर भी ऐसा कहाँ कर पाती है। 

बच्चों के स्कूल के लिए तैयार करने के विचार से, उसे विवश होकर उठना पड़ा था। उसने, केजी में जाने वाले अपने दोनों बेटों को जगाया था। स्वयं नित्य कर्म से निबटते हुए वह, उन्हें भी वह तैयार कर रही थी। उसने बच्चों को नाश्ता कराते हुए, खुद चाय पी थी। 

नेहा ने, बच्चों का बेग एवं टिफ़िन तैयार करके, उन्हें स्कूल बस स्टॉप तक छोड़ने जाने के पूर्व, नवीन पर नज़र डाली थी। यूजूअली, इस समय तक नवीन भी उठ जाया करता था। मगर आज अभी, उसके जागने के कोई चिन्ह दिखाई नहीं पड़ रहे थे। 

कोई और दिन होता तो नेहा, नवीन को प्यार से आवाज देकर उठने कहती मगर आज, नेहा के हृदय में वितृष्णा भरी हुई थी। नेहा ने, नवीन को उठाने का कोई प्रयास नहीं किया था। वह बाहर से लॉक कर, बच्चों को छोड़ने चली गई थी। 

बस स्टॉप से वापिस लौट रही थी तब उसे, व्हाट्सएप पर, रिया का गुड मॉर्निंग विश का एक प्यारा सा पिक आया था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब हो क्या रहा है। उसकी फ्रेंड रिया तो नॉर्मल बिहेव कर रही है। जबकि नवीन, रिया पर पर आरोप लगा रहा है।  

ऐसे ही ऊहापोह में नेहा स्नान-पूजा करती रही थी। जब वह किचन में काम कर रही थी तब नवीन, 9.30 पर उठकर किचन में आया उसने, नेहा से पीने के लिए गुनगुना पानी माँगा था। 

तब नेहा ने पूछा - आज आपको ऑफिस नहीं जाना है, क्या? 

नवीन बोला - बहुत दिन हो गए छुट्टी नहीं ली है। बहुत छुट्टियाँ लेप्स हो जाने वाली हैं। सोच रहा हूँ 5 दिन की छुट्टी ले लूँ। 

नेहा ने कोई उत्तर नहीं दिया। उसे हल्का गर्म पानी दे दिया था। नेहा, सोचने लगी थी कि कल तक नवीन की ऐसी कोई योजना नहीं थी। आज नवीन का अचानक ऑफिस ना जाना, बीते कल में किसी अनहोनी को इंगित कर रहा था।

नवीन दिन भर गुमसुम ही रहा था। तनाव में घर में खाली बैठने से, वह खाने के लिए कभी यह, कभी वह फरमाइश कर रहा था। रुखाई से ही सही मगर नेहा, एक आज्ञाकारी पत्नी की तरह सब तैयार करके देते जा रही थी। 

बच्चे स्कूल से घर लौटे थे। वे, पापा को घर पर ही देख कर खुश हुए थे। मगर नवीन ने, असहज रूप से बच्चों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। नेहा यह सब भांप रही थी। 

अब पूछने से नेहा, खुद को रोक नहीं सकी थी। उसने जानबूझकर पूछा था -  क्या बात है, आप परेशान दिख रहे हैं? क्या कल की घटना भुला नहीं पा रहे हैं?

इस अचानक से पूछे गए नेहा के प्रश्न से, नवीन के चेहरे पर ऐसे भाव आये थे जैसे किसी चोर की चोरी पकड़े जाने पर होते हैं। वह सिटपिटा गया था। घबरा कर बोला था - 

नहीं नहीं नेहा, ऐसी कोई बात नहीं है। अभी मुझे, हल्का सिर दर्द हो रहा है। 

तब नेहा ने पैन किलर स्प्रे ला कर उसके सामने रख दिया था, और कहा था - यह लगा लीजिए, आराम आ जाएगा। 

फिर अन्य काम करते हुए नेहा, कनखियों से नवीन को देखते जा रही थी। नवीन ने स्प्रे लगाने में कोई रुचि नहीं ली थी। इससे स्पष्ट था कि उसे सिर में दर्द नहीं था। 

नेहा को अब एक बात और साफ़ हो गई थी कि जैसा नवीन परेशान दिख रहा था, वह इंगित करता था कि उसने कल, जो भी गलत काम किया है, वह पहली बार किया है। कोई आदतन अपराधी, गलती करने के बाद यूँ विचलित नहीं रहता है। 

दिन भर घर पर रहने के बाद, शाम को नवीन बाहर जाने लगा था। नेहा ने पूछा - आप बाजार जा रहे हैं, क्या?            

नवीन ने कहा - नहीं, एक जरूरी काम याद आया है। उसके लिए बॉस से मिलने जा रहा हूँ।  

नवीन सीधे ऑफिस पहुंचा था। वह जानता था कि बॉस, देर तक ऑफिस में रहते हैं। जब नवीन ऑफिस पहुंचा तब, पूरा स्टॉफ जा चुका था। बॉस और एक चपरासी ही उस वक़्त वहाँ थे। नवीन यही चाहता भी था। वह दरवाजा खोल कर बॉस के चेंबर में प्रविष्ट हुआ था। 

बॉस ने नवीन को इस समय आया देख अचरज से पूछा - क्या बात है नवीन सब ठीक तो है, ना?

नवीन ने उनके सामने पड़ी कुर्सियों में से एक पर बैठते हुए कहा - नहीं सर एक परेशानी में पड़ गया हूँ। अभी, आपको वही बताने आया हूँ। 

बॉस ने अपने सामने खुली फाइल को एक तरफ सरकाते हुए पूछा - बताओ क्या बात है?    

नवीन ने कहा - सर, मुझसे कल एक बड़ी भूल हो गई है। रिया मैडम का मुझसे, अपनापन वाला व्यवहार मैंने, गलत समझ लिया था। इस गलतफहमी में, मैंने कल ऑफिस से लौटते में उनसे, उनके हाथ पकड़कर अपने प्रेम की बात कह दी। रिया, इससे बहुत गुस्सा हो गई थी। कल वह रोते हुए अपने घर गई थी। 

इसे सुनकर बॉस, तनाव एवं आक्रोश में दिखाई दिए, उन्होंने कहा - 

नवीन यह हरकत तुम कैसे कर गए। तुम और रिया दोनों ही विवाहित हो। दोनों के दो दो बच्चे भी हैं। 

नवीन दुःख प्रकट करते हुए बोला - सर भूल हो गई, कल मेरी मति भ्रष्ट हो गई थी। अब आप ही मेरी सहायता कीजिये, वरना में बड़ी परेशानी में पड़ जाऊँगा। 

तब बॉस ने कुछ सोचने के बाद कहा - आज आप ने छुट्टी ली थी मगर रिया दिन भर ऑफिस में थी। रिया का व्यवहार मुझे और दिनों जैसा ही सामान्य अनुभव हुआ है। नेहा ने, मुझसे ऐसी कोई चर्चा नहीं की, ना ही मेरे सामने उसका कोई शिकायत पत्र आया है। 

बॉस ने फिर दो पल चुप रहने के बाद पूछा - बताओ आप, मुझसे क्या सहायता चाहते हो?

नवीन ने लगभग गिड़गिड़ाते हुए कहा - 

सर, रिया मुझे बहुत सम्मान देते रही है। मेरी कल की गई घिनौनी हरकत के बाद, मैं उसकी नज़रों से गिर गया हूँ। मुझे अपने किये पर बहुत ग्लानि है। ऐसे में, रिया का सामना करना मेरे लिए अत्यंत अवसाद देने वाली बात होगी। सर, मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप मेरा ट्रांसफर, सिविल लाइन्स वाले ऑफिस में कर दें। ऐसा होने पर हम दोनों को, आमने सामने नहीं पड़ना होगा।    

बॉस को यह सुनकर राहत अनुभव हुई कि नवीन ने कोई कठिन बात उनसे नहीं चाही है। उन्होंने नवीन से कहा - 

अगले एक दो दिन में पता चल जाएगा कि रिया तुम्हारे विरुध्द कोई शिकायत तो नहीं कर रही है। यह तय होने के बाद, जैसा उपयुक्त होगा, मैं, तुम्हारे निवेदन पर उचित कार्यवाही करूँगा। लेकिन अभी जाने के पहले तुम कसम खाओ कि आगे अपने बच्चों के भविष्य की खातिर ऐसी गंदी हरकत कभी ना करोगे। 

 नवीन ने तब खड़े होकर अपने दोनों कान पकड़ते हुए कहा था - 

सर, मुझे इस बुरे समय में अभी बचा लीजिये। मैं कसम खाता हूँ कि आगे कभी ऐसा गलत काम कभी ना करूँगा। 

तब बॉस ने पूछा - आपने कितने दिन की छुट्टी अप्लाई की है। 

नवीन ने बताया - सर, पाँच दिन की छुट्टी का आवेदन किया है। इस बीच में ही मेरा ट्रांसफर कर दीजिए। मेरी, अभी हाल में रिया को फेस करने की हिम्मत नहीं है। 

बॉस ने कहा - अब आप जाओ। मैं, देखता हूँ कि आपके लिए क्या करना अच्छा होगा। 

नवीन तब लौट आया था। बॉस पर, उसके काम का अच्छा प्रभाव था। वह, उसे बहुत चाहते थे। इसलिए नवीन को आशा हो गई थी कि यदि रिया, लिखित में कुछ नहीं देती है तो बॉस उसकी सहायता अवश्य कर सकेंगे …          

--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन

20-12-2020


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