#दृष्टिकोण
किसी मनुष्य का गला रेत कर मार डालना
उतनी साधारण बात नहीं जितनी
उदर पोषण के लिए किसी मूक प्राणी की हत्या है
मनुष्य का मनोमस्तिष्क अन्य प्राणियों से उन्नत होता है
जिसमें अनंत अभिलाषायें, भावनायें एवं जीवन सपने होते हैं
अतः यह तन ही नहीं, अरमान भरे मन की हत्या भी होती है
जो लाखों गुना बुरा कर्म एवं जघन्य अपराध होता है।
rcmj
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