Wednesday, September 30, 2020

पर हैं उड़ने के लिए फिर भी

अकारण नहीं हैं चिंतायें मेरी

कि भलमनसाहत के पर कतर, अब ये दुनिया

निर्लज्जता से स्वयं को श्रेष्ठ बताया करती है 


 

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