तेरी हस्ती - मेरी हस्ती कुछ जुदा नहीं है
ख़ुशफ़हमी - मैं खुदको तुझसे श्रेष्ठ मानता
मैं नहीं तुम - भली जानते हो कि दावानल
किसी दिन - जला देगा दोनों को एक ही तरह
No comments:
Post a Comment